-पंशु-
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दरो दीवार से क्या पूछो मेरे दम की बातें,
मेेरे उस यार से पूछो मेरे गम की बातें.
वो मिरा यार सहर में मुझे बहलाता है,
तुम हो कि शाम से पूछो मेरे गम की बातें.
इक तेरे दोस्त से बस की शिकायत थोड़ी सी,
अब ना कहना ना मालूम मेरे गम की बातें.
ये बातें वो बातें बची गुजरी सारी बातें,
जगरातें सोै रातें करतीं मेरे गम की बातें.
लौट आओ ना, बसते तो नहीं लगते हो,
फिर करेंगे यार मेेरे तुझसे, मेरे गम की बातें.
© पंशु। 13102014
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