सोमवार, 11 अगस्त 2008

मिथुन की आवाज़- शैलेंद्र सिंह


भोले शंकर (4)
गतांक से आगे..

फिल्म भोले शंकर में एक बहुत ही मार्मिक छठ गाना भी है। ये गीत फिल्म में उस वक्त आता है, जब शंकर (मिथुन चक्रवर्ती) बीस साल बाद अपनी मां से मुंबई में मिलता है और मां छठ मैया से मांगी गई मन्नत पूरी होने की बात करती है। शंकर और मां के मिलन का सीन फिल्म के चुनिंदा दृश्यों में से है, और मैं पहले से ही माफी मांग लेता हूं क्योंकि इसे देखने के बाद घर की मां-बहनें रो ना पड़े, ऐसा हो नहीं हो सकता। मिथुन दा से जब फिल्म भोले शंकर की कहानी को लेकर चर्चा हो रही थी, तभी उनको मैंने बताया कि फिल्म का एक गाना उन पर भी पिक्चराइज़ किया जाना है। मिथुन दा वैसे तो अब भी हिंदी फिल्मों में लटके झटके दिखाते रहते हैं, लेकिन भोले शंकर में उन पर फिल्माया गया गाना बहुत ही साधारण तरीके से और मां- बेटे के प्रेम को दर्शाते हुए फिल्माया गया है।

गाने के भाव सुनकर मिथुन ने पूछा कि इसे गाएगा कौन? मेरे मुंह से छूटते ही जवाब निकला- शैलेंद्र सिंह। फिल्म बॉबी (मैं शायर तो नहीं, मुझे कुछ कहना है...आदि उनके फिल्म बॉबी के मशहूर गाने हैं) से हिंदी सिनेमा में मशहूर हुए शैलेंद्र सिंह ने बाद में मिथुन चक्रवर्ती के लिए ढेरों हिट गीत गाए। फिल्म तराना में मिथुन के लिए गाए शैलेंद्र सिंह के सारे गाने हिट रहे थे। उनमें से 'गुंजे लगे हैं कहने, फूलों से गीत चुना है तराना प्यार का, कहता है दिल आके मिल ओ मेरी तनहा ना बीत जाए दिन बहार का...' गाना आज भी मिथुन के चाहने वालों को याद होगा। मिथुन दा खुद शैलेंद्र सिंह को अपना खास मानते हैं। उन्होंने तुरंत फोन निकाला और शैलेंद्र सिंह को फोन किया। फोन लगा नहीं तो मिथुन ने सोचा शायद नंबर बदल गया होगा। फिर उन्होंने अपने करीबी शशि रंजन (जिनकी फिल्म धूम धड़ाका हाल ही में रिलीज़ हुई है) को फोन किया। शशि रंजन ने बताया कि शैलेंद्र सिंह शायद दुबई गए हुए हैं। खैर, मिथुन ने संदेश छोड़ा कि वो एक फिल्म कर रहे हैं और उसमें एक बहुत ही इमोशनल गाने की सिचुएशन है, जिसे फिल्म के डायरेक्टर उनसे गवाना चाहते हैं।

दिन बीत गए। लेकिन शैलेंद्र सिंह का पता नहीं चला। इस बीच संगीतकार धनंजय मिश्रा भी शैलेंद्र सिंह की खोजबीन लेते रहे। इसी बीच मेरे एक मित्र ने बताया कि शैलेंद्र सिंह लौट आए हैं और इनदिनों किसी टीवी सीरियल में ऐक्टिंग कर रहे हैं। मैंने पहले धनंजय से ही फोन करने को कहा। मिथुन का नाम सुनते ही शैलेंद्र सिंह की बांछे खिल गईं। फिर रिकॉर्डिंग का दिन तय हुआ। शैलेंद्र सिंह तय समय पर स्टूडियो पहुंचे और गाना रिकॉर्ड किया, जिसके बोल कुछ इस तरह से हैं।

माई के ममता एतना पावन
जैसे गंगा के पानी
माई के करजा कबहूं ना उतरे
बेद औ ग्रंथ के बानी ....

गाते गाते शैलेंद्र सिंह खुद भाव विभोर हो गए। उस दिन मनोज तिवारी को मैंने खास तौर से स्टूडियो बुलाया हुआ था। अपने अपने फन के माहिर दो दिग्गज गायकों का संगम हुआ। शैलेंद्र सिंह से मिलकर मनोज तिवारी भी काफी खुश हुए। किसी भोजपुरी फिल्म के लिए शैलेंद्र सिंह का ये पहला गाना था और भगवान ना करे कि आखिरी भी हो, क्योंकि शैलेंद्र सिंह तकरीबन गायिकी को अलविदा कह चुके हैं। फिल्म भोले शंकर के लिए भी ये गाना उन्होंने सिर्फ इसलिए गाया क्योंकि इसे मिथुन चक्रवर्ती पर फिल्माया जाना था। इस गाने में मां के लिए उत्तर प्रदेश की मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने आवाज़ दी है। मालिनी अवस्थी को किसी नेशनल चैनल पर लाइव गाने का मौका मैंने ज़ी न्यूज़ में रहते हुए दिया था, और ये उनकी प्रतिभा का सही सम्मान भी था। मालिनी जी का स्नेह ही था कि वो ये गाना गाने खास तौर से दिल्ली से मुंबई आईं और वो भी अपने पति अवनीश अवस्थी के साथ। अवनीश जी उत्तर प्रदेश शासन में बहुत ही सीनियर आईएएस अफसर हैं। लेकिन, मालिनी जी में इस बात का रंच मात्र भी कहीं कोई अभिमान नहीं दिखा। जैसे बौर आने पर पेड़ झुक जाते हैं, वैसे ही ख्याति होने पर सच्चा कलाकार विनम्र होता जाता है। मालिनी अवस्थी और शैलेंद्र सिंह दोनों इसकी मिसाल हैं। कलाकारों का ये बड़प्पन आज के उन कलाकारों के लिए सीख है, जो ज़रा सा नाम होते ही खुद को दूसरों का नियंता मानने लगते हैं। फिल्म भोले शंकर के गीतों में मशहूर गायक मनोज तिवारी के 'योगदान' पर चर्चा कल करेंगे।


कहा सुना माफ़,

पंकज शुक्ल
निर्देशक- भोले शंकर

7 टिप्‍पणियां:

  1. बस किसी तरह इस गीत को सुनवा भी दीजिये । मिथुन चक्रवर्तीजी के तो हम पुराने मुरीद हैं और उनकी फ़िल्में भगवान की भक्ति की तरह देखते हैं ।

    जय हो मिथुन दा की,

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  2. शैलेंद्र जी के तो कई गाने है जो उनकी याद दिलाते हैं। चलिए इस बार देखते हैं क्या नया है।
    http://nitishraj30.blogspot.com
    http://poemofsoul.blogspot.com

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  3. नीरज भाई,

    कमेंट के लिए आभार। फिल्म भोले शंकर का म्यूज़िक रिलीज़ हो चुका है, टी सीरीज़ के लेबल पर है। भोजपुरी फिल्मों का संगीत बेचने वाली सारी म्यूज़िक शॉप्स पर फिल्म के कैसेट्स उपलब्ध हैं।

    सादर,
    पंकज शुक्ल

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  4. फिल्म निर्माण से जुडी ऐसी बातेँ दील्चस्प होतीँ हैँ -
    गीत सुनवाते तो बढिया रहता -
    - लावण्या

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  5. नीरज जी, लावण्या जी,

    गीत को ब्लॉग पर कैसे पोस्ट किया जाता है, ये मुझे आता तो नहीं है, लेकिन चिंता ना करें, जल्दी ही ये गीत ब्लॉग पर होगा।

    सादर,
    पंकज

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  6. Mai aapko is baat ki badhai deta hoo ki aap ne hume ye mauka diya ki hum Shailendra ji jaise Singer ko dubara sun sake....ye unki ruhani awaj ka hi jadoo hi hai ki Baat chahe mahfil me rang jamane ki ho ya dosto pe impresson jamane ki log MAI SHAYAR TO NAHI ..... ka aaj bhi sahara lete hai...Hume ummed hi nahi vishwas hai ki Shailendra ji ka ye geet logo ki juban par hoga.

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  7. प्रिय पुनीत,
    वैसे तो मैं सारे कमेंट्स नियमित रूप से पढ़ता हूं और उनका आभार भी प्रकट करता हूं, ये कैसे छूट गया, मुझे भी हैरानी है। अच्छा लिखा है, शैलेंद्र जी तक ये कमेंट भी जा चुका है।
    सस्नेह,
    पंकज

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