tag:blogger.com,1999:blog-4404555096886681098.post7153049212581439796..comments2023-09-16T14:02:51.815+05:30Comments on जै जै!: लिपि के बचने से बचेगी भाषाAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/16312720514784919531noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4404555096886681098.post-57262947149667480362011-09-15T14:30:54.908+05:302011-09-15T14:30:54.908+05:30धन्यवाद। रचना जी। आपको हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।धन्यवाद। रचना जी। आपको हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।vidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4404555096886681098.post-69107570092432090192011-09-14T21:45:13.789+05:302011-09-14T21:45:13.789+05:30धन्यवाद। रचना जी। आपको हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।धन्यवाद। रचना जी। आपको हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16312720514784919531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4404555096886681098.post-86297688794732057292011-09-14T20:57:22.924+05:302011-09-14T20:57:22.924+05:30हिंदी दिवस पर हिन्दी के भविष्य को लेकर आपकी चिंता ...हिंदी दिवस पर हिन्दी के भविष्य को लेकर आपकी चिंता और प्रस्तुति सराहनीय है. जहाँ तक मुझे लगता है कि जिस तरह कंप्यूटर का बाज़ार भारत में बढ़ रहा है वह दिन दूर नहीं कि जब कंप्यूटर और लैपटॉप में हिंदी लिपि का की बोर्ड भी आने लगेगा. पुन्ह हिंदी दिवस पर बधाइयाँ.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4404555096886681098.post-17067003480491201612011-09-14T13:32:31.853+05:302011-09-14T13:32:31.853+05:30अभिताभ बच्चन से हिन्दी के भविष्य को लेकर आपकी बातच...अभिताभ बच्चन से हिन्दी के भविष्य को लेकर आपकी बातचीत काफी सार्थक है और हम सबको विश्वास है कि एक दिन हिन्दी को उसका वह सम्मान मिलेगा जिसकी वह हकदार है। हिन्दी कहें तो वह मां है जिसे उसके पुत्रों ने ही उस सम्मान से वंचित कर रखा है जिसे पाने का वह अधिकार रखती है। हिन्दी दिवस के अवसर पर आपको हमारा शत-शत बार नमन। हिन्दी पत्रकारिता को आप जैसे लोगों की ही जरूरत है जो बेझिझक हिन्दी में अपनी बात को देश के सामने रखे जिस पर देश का हर आम व्यक्ति अपनी राय दे सके। जय हो हिन्दी और हिन्दी दिवस। वरना हिन्दी दिवस, हिन्दू धर्म की आस्थाओं के मुताबिक पूर्वजों की याद में, पितृपक्ष में (उल्लेखनीय है कि बिहार के दक्षिणी भाग में, गया जिले में करोड़ों की संख्या में हिन्दू धर्म के अनुयायी प्रत्येक वर्ष अपने पितरों को पिंडदान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि रामायण काल में श्री रामचंद्र जी मां सीता, लक्ष्मण के साथ श्री लंका से रावण वध के बाद वापसी पर अपने पितरों को गया में ही पिंडदान दिया था तभी से यह प्रथा चली आ रही है)प्रत्येक वर्ष आयोजित किए जाने वाले धार्मिक कर्मकांड की तरह ही बन कर रह गया है। प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिन्दी दिवस पर हमारे देश के स्वनामधन्य नेता टाइप लोग हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन करते हैं और अपने बच्चों का दाखिला अंग्रेजी माध्यम के पब्लिक स्कूलों में कराते हैं। सरकार द्वारा जारी भेदभाव का खुलासा डीएवीपी की रिपोर्ट में भी होती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी विज्ञान अंग्रेजी समाचारपत्रों/पत्रिकाओं/ प्रकाशनों को एक वर्ग सेंटीमीटर के लिए लाखों रुपये का भुगतान करती है वहीं भाषायी प्रकाशनों को सैकड़ों/हजारों रुपये का भुगतान करती हैं। अंग्रेजी भाषाओं के प्रकाशनों को जिस तरह से सरकारी विज्ञापन जारी किए जाते हैं अगर उसी दर पर भारतीय भाषाओं को विज्ञापन मिले तो कोई कारण नहीं कि भारतीय भाषाओं के प्रकाशक इनसे प्रतिस्पर्धा नहीं कर सके और आगे ना निकले। लेकिन यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हिन्दी को पल-पल छला जाता है। फिर भी हिन्दी दिवस के अवसर पर एक बार सभी देशवासियों को हमारा शत-शत बार नमन।<br />गैरतलब है कि संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को सर्वसम्मति से हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया था। तब से केंद्र सरकार के देश-विदेश स्थित सभी कार्यालयों में हर साल 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है......Haresh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/04078897081319663641noreply@blogger.com