सोमवार, 19 दिसंबर 2016

जा तू कोयल हो जा!



तेरी मीठी बोली है,
मिसरी बहुत ही घोली है,
बनी ठनी औ सजी धजी सी
गठरी बातों की खोली है,
इस पल इस घर,
उस पल उस घर,

रहे पैर तू रोज बदलती,
जा तू पायल हो जा!


मतलब से है बात करे तू,

फुर्सत का है प्यार करे तू,

सुने ना तेरी कू कू जो भी,
उससे हर पल रार करे तू,
इधर भी कूके, उधर भी कूके,
आंचल तेरा हर घर फूंके,

रहे घोसले रोज बदलती
जा तू कोयल हो जा!



पंशु 19122016
(picture used for reference only, no copyright infringement intended)

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