सोमवार, 4 अक्तूबर 2010

दक्षिण के “भगवान” ने पोसा नक्सलवाद को?


देश में नेपाल की सीमा से लेकर आंध्र प्रदेश और उसके आगे केरल तक पसर चुके लाल गलियारे की पगडंडियों ने क्या कभी तेलुगूदेशम के संस्थापक और मशहूर अभिनेता एन टी रामाराव के सहारे विस्तार पाया था? बाहुबल के सहारे चलने वाली देश की क्षेत्रीय सियासत पर शूल, सरकार और सरकार राज जैसी फिल्में बना चुके निर्माता निर्देशक राम गोपाल वर्मा इस बार इसी सवाल को दर्शकों के सामने लेकर आने वाले हैं। गांधी जयंती के दिन गांधी की प्रतिमा के सामने सियासी हिंसा के खूनी खेल से शुरू होती इस फिल्म के कुछ अंश दो अक्टूबर को देखने का मौका मिला रामगोपाल वर्मा के साथ। मुंबई के एम्पायर स्टूडियो में रक्त चरित्र की फाइनल मिक्सिंग चल रही है और शनिवार की शाम इस फिल्म की दी रीलें देखने का मौका मिला।
करीब डेढ़ घंटे तक चली एक खास मुलाकात में रामगोपाल वर्मा ने कहा कि केंद्रीय को कभी भी क्षेत्रीय ताकतों का उदय रास नहीं आया। दो शक्तियों के इस टकराव में जो सत्ता में काबिज है वो वर्दीधारी बाहुबल का इस्तेमाल करता है और जो सत्ता के लिए संघर्ष कर रहा है उसकी कोशिश गैरकानूनी हो जाती है। नक्सलवाद की जड़ में भी यही समस्या है। रामगोपाल वर्मा ने अपनी नई फिल्म रक्त चरित्र में तेलुगूदेशम पार्टी के मशहूर नेता परिताला रवि की कहानी के जरिए सत्ता के इसी संघर्ष का सच परदे पर दिखाने की कोशिश की है। आंध्र प्रदेश के जंगलों में दबदबा कायम करने वाले खूंखार नक्सली परिताला रवि को अपनी पार्टी का वर्चस्व बढ़ाने के लिए एन टी रामाराव ने तेलुगूदेशम में शामिल कर लिया था। इसके बाद एक दशक तक हैदराबाद सियासी हिंसा के उफान के अलग अलग खूनी मंजर देखता रहा।
दक्षिण में पनपे नक्सलवाद के लिए रामाराव और चंद दूसरे नेताओं का संरक्षण मिलने की बात अब तक बस चर्चाओं में ही रही है, पहली बार किसी फिल्म में इस पर उंगली उठाई जा रही है। वर्मा मानते हैं कि इसका विरोध भी उन्हें झेलना पड़ सकता है क्योंकि रामराव को दक्षिण में भगवान की तरह पूजा जाता रहा है। रक्तचरित्र के जरिए शत्रुघ्न सिन्हा अरसे बाद किसी केंद्रीय किरदार के जरिए बड़े परदे पर वापसी कर रहे हैं। रामगोपाल वर्मा ये मानने में कतई संकोच नहीं करते कि शत्रुघ्न सिन्हा का चरित्र रामाराव से प्रेरित है। अमिताभ बच्चन को फिल्म सरकार और सरकार राज के अलावा रण में भी निर्देशित कर चुके वर्मा मानते हैं कि सत्तर के दशक से उभर हिंदी सिनेमा के इन दोनों सुपर सितारों का अपना अपना खास मैनरिज्म है। लेकिन, शत्रुघ्न सिन्हा को वह ज्यादा स्टाइलिश और ज्यादा रुआबदार मानते हैं।
एक साथ तीन भाषाओं तमिल, तेलुगू और हिंदी में बनी रामगोपाल वर्मा की फिल्म रक्त चरित्र की पहली कड़ी 22 अक्टूबर को रिलीज होगी और इसका दूसरा हिस्सा वह नवंबर के आखिरी हफ्ते में रिलीज करने की तैयारियां कर रहे हैं।

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