शनिवार, 25 अक्तूबर 2008

जब जब आवे याद तोहार...

भोले शंकर (20). गतांक से आगे...

लखनऊ के आनंदी रिसोर्ट में मोनालिसा और मनोज तिवारी के ऊपर जिस दिन हम लोगों ने - केहू सपना में अचके जगाके - गाने का तीसरा अंतरा शूट किया, उसी दिन सुबह से लेकर दोपहर तक हम लोगों ने एक और गाने के दो अंतरे शूट किए। इनमें से एक अंतरा मोनालिसा पर और दूसरा अंतरा लवी रोहतगी पर फिल्माया गया। इस गाने के बोल हैं- जब जब आवे याद तोहार, ई मनवा तरसे ला....। ये गाना फिल्म में उस वक्त आता है, जब भोले म्यूज़िक कंपनी में अपना ऑडीशन दे रहा होता है, गाने की शुरुआत म्यूज़िक कंपनी के स्टूडियो से होती है और पहला अंतरा भोले ऑडीशन देते हुए गा रहा होता है। इस गाने को गाते हुए उसे गौरी की याद बार बार आती है, गाना मुंबई में शुरू होता है, और दूसरे अंतरे में हम गौरी के पास पहुंच जाते हैं और तीसरा अंतरा लवी पर फिल्माया गया, जिसमें वो भोले को याद कर रही है..।

इस गाने के पहले अंतरे की शूटिंग हमें बाद में मुंबई में करनी थी, लिहाजा हमने लखनऊ में दूसरे और तीसरे अंतरे का शूट पूरा कर लिया। गाने के दूसरे अंतरे में गौरी की विरह वेदना को दिखाया गया है और इसके लिए हमने मोनालिसा का पूरा गेटअप वैसा ही रखा। सफेद परिधानों में लिपटी मोनालिसा ने जब गौरी का रूप धरा तो पूरी यूनिट के लोग उसे देखते ही रह गए। सुबह के आठ बज रहे थे और इधर यूनिट अभी चाय पी ही रही थी और मोनालिसा पूरी तरह तैयार होकर लोकेशन पर पहुंच गई। कैमरामैन राजू केजी और कोरियोग्राफर रिक्की ने मोर्चा संभाला और मैंने उन्हें गाने का स्टोरी बोर्ड समझाना शुरू किया। इस गाने का जो अंतरा मोनालिसा पर फिल्माया गया है, उसे मेरी कल्पना के हिसाब से राजू केजी और रिक्की ने उम्मीद से कहीं बेहतर फिल्माया। मौसम सुबह से ही खुशगवार था और मोनालिसा गाने के बोल सुनकर पूरे जोश में थी, अरसे बाद उसे कोई ढंग का गाना बड़े परदे पर मिला था, जिसमें उसके चेहरे के भावों को पेश किया जाना था। मोना दिल ही दिल में खुश थी लेकिन गाने के हिसाब से उसे करना था रोने का अभिनय। पूरे अंतरे को हमने छह हिस्सों में बांटा और रिसॉर्ट के एक हिस्से में कुएं के आस पास खड़े यूकेलिप्टस के पेड़ों को ध्यान में रखते हुए हमने गाने की शूटिंग पूरी की। मोनालिसा ने इस गाने में खूब मेहनत की।

इसी गाने के दूसरे अंतरे के लिए हमने लोकेशन चेंज की और आ गए रिसॉर्ट के वाटर पार्क के अंदर। रिसॉर्ट के इस हिस्से की अलग अलग जगहों पर हमें गाने का तीसरा अंतरा शूट करना था। दूसरे अंतरे में भोले की याद करती गौरी जहां विरह वेदना से दुखी हैं, वही तीसरे अंतरे में हमें रंभा के अंदर भोले को लेकर उमड़ती काम इच्छा को दिखाना था। बैकग्राउंड को खुशनुमा बनाने के लिए वाटर पार्क के सारे राइड्स ऑन करा दिए गए, और हर राइड पर पानी भी बहने लगा। इस बीच पता चला कि लवी रोहतगी ने नखरे दिखाने शुरू कर दिए हैं। यूनिट के कुछ सीनियर लोगों का कहना था कि हमने लवी को ज़रूरत से ज़्यादा सिर पर चढ़ा रखा है और ये सारे नखरे भी वो तभी दिखा रही है।

वैसे भोले शंकर के लिए मिथुन चक्रवर्ती और मनोज तिवारी के नाम फाइनल होने के बाद हीरोइन्स की बात छिड़ने पर सबसे पहले हम लोग लवी रोहतगी से ही मिले थे और वो इसलिए क्योंकि हम फिल्म में ज्यादा से ज्यादा कलाकार उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले ही लेना चाहते थे। लवी आगरा की रहने वाली है, इसलिए हम लोगों का उसके लिए थोड़ा सॉफ्ट कॉर्नर भी था। लेकिन लवी ने गाने की शूटिंग से ठीक पहले अपना मुंबइया रंग दिखाना शुरू कर दिया। वो अपना पेमेंट कैश में चाहती थी और चूंकि पूरी फिल्म में हमने सारा हिसाब किताब ऑन पेपर रखने का फैसला किया था लिहाजा उसे कैश देना मुश्किल था। चेक लेने को वो राज़ी नहीं हुई, किसी तरह प्रोड्यूसर के बेटे गौरव भाटिया ने उसके लिए कैश का जुगाड़ किया और तब जाकर वो शूटिंग के लिए राज़ी हुई। गाने की डिमांड के लिहाज से लवी को थोड़ा मॉडर्न कपड़े पहनने थे। बामुश्किल वो लोकेशन पर आई और उसके इतना सब नाटक करने के बाद भी हमने उसे परदे पर खूबसूरती से पेश करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। लवी ने इस अंतरे की शूटिंग के बाद एक गलती और कर दी और ये ऐसी गलती थी कि जिसके लिए उसे माफ करना किसी भी प्रोड्यूसर के लिए मुश्किल होता। और कोई प्रोड्यूसर होता तो उसके खिलाफ तगड़ा कानूनी कदम उठा सकता था, लेकिन मेरे समझाने पर गौरव ने बात को रफा दफा कर दिया। लेकिन लवी की नादानी ने मुझे ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि कहीं मैंने उसका सेलेक्शन करके कोई गलती तो नहीं कर दी? अगले अंक में जानिए फिल्म के क्लाइमेक्स से ठीक पहले वाले सीन की शूटिंग को लेकर क्यों हुई मेरी और मनोज तिवारी की तक़रार? पढ़ते रहिए- कैसे बनी भोले शंकर।

कहा सुना माफ़,

पंकज शुक्ल

3 टिप्‍पणियां:

  1. pankaj ji,
    aapke zinge ke safar ke safar ke bare me jankar acha laga...mai kanpur se hun....aapne small town se bollywood ka safar kaiya aur safalta pai....aako film ke liye haardik shubkanaye....
    anita

    जवाब देंहटाएं
  2. hi pankaj ji.aap ka intervies bhadas mai pda........yakin manyen mujhe bahoot acha lga .aaj ke waqt mai itna saaf dil se koi nahi boolta.jitna aap ne boola hai.mai bhi 8 saal se tv mai hu .magar lagta hia aaj kal news kam hia sirf drama zayeda hia.magar phir bhi aap ki baat sahi hai.aap ki film ke liye subhkamna.,aap aapna mail id denge to acha rahega.....mera id hai
    sajidkhan_75@rediffmail.com
    namaskaar.

    जवाब देंहटाएं
  3. अनिता जी और साजिद जी,

    संदेश के लिए और हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, बस बड़ों का आशीर्वाद और साथियों की दुआएं काम आती गईं, और कदम बढ़ते गए। संपर्क बनाए रखें।

    कहा सुना माफ़,
    पंकज शुक्ल
    pankajshuklaa@gmail.com

    जवाब देंहटाएं