शुक्रवार, 22 अगस्त 2008

मौली की मस्ती, उज्जयनी की उड़ान



भोले शंकर (8) गतांक से आगे...

गायक से अभिनेता बने किसी कलाकार की फिल्म के संगीत की बात हो और उससे ज़्यादा चर्चा दूसरे गायकों की जाए, तो कई बार ये अजीब सा भी लगता है और फिल्म के हीरो का मूड भी खराब कर सकता है। लेकिन, "भोले शंकर" के हीरो मनोज तिवारी के साथ ऐसा नहीं है। मनोज ने हमेशा नए कलाकारों को बढ़ावा दिया है और अभी पिछली बार ही वो बता रहे थे कि कैसे किंग फिशर एयरलाइंस की एक एयर होस्टेस के मंशा ज़ाहिर करने पर उन्होंने उसे भोजपुरी सिनेमा में काम करने का न्यौता दे डाला। अपने हनुमान बिपिन बहार को भी मनोज एक्टर बना चुके हैं। अच्छे चेहरों की उन्हें अच्छी पहचान है। खैर, हम बात कर रहे हैं फिलहाल "भोले शंकर" के संगीत की। वैसे हिंदी फिल्मों में भी ऐसा होता है, लेकिन आप भोजपुरी की बात करो तो सामने वाला गीतकार और संगीतकार छूटते ही पूछेगा, "आइटम सॉन्ग में किसे ले रहे हैं।" और ये सवाल पूछते समय उसके चेहरे के भाव ऐसे होंगे कि अगर आप शरीफ हुए तो तुरंत धरती के चार फिट नीचे चले जाएंगे, शर्म के मारे। ऐसा एक भी शख्स मुझे अब तक मिलना बाकी है, जिसने भोजपुरी फिल्म की बात चलने पर आइटम सॉन्ग की बात ना छेड़ी हो मानो भोजपुरी सिनेमा और आइटम सॉन्ग एक दूसरे के पर्यायवाची हों। हालांकि सिनेमा होता ही मनोरंजन के लिए लेकिन मनोरंजन के नाम पर भड़ैती और फूहड़ता मेरे गले नहीं उतरती। मेरा मानना है कि सही फिल्म वही (अगर आप यू सर्टिफिकेट के साथ बना रहे हैं) है, जो ससुर व बहू और पिता और बेटी एक साथ बैठकर देख सकें।

"भोले शंकर" बनाते वक्त एक बात मैंने पहले दिन से तय कर ली थी कि ये फिल्म राजश्री संस्कृति के ज़्यादा करीब होगी और भले ही मस्ती के लिए इसमें गाना हो लेकिन वो आइटम सॉन्ग तो कतई नहीं होगा। फिल्म "भोले शंकर" में मनोज तिवारी के साथ तीन लड़कियां हैं। मेन लीड में मोनालिसा, पैरलल लीड में लवी रोहतगी और स्पेशल एपीयरेंस में निराली नामदेव। मोनालिसा, जिनकी हिंदी फिल्मों में छवि एक बोल्ड अभिनेत्री की रही है, को "भोले शंकर" में एक मिडिल क्लास की घरेलू लड़की के तौर पर पेश किया गया है और मिर्च मसाला के लिए फिल्म में हैं लवी रोहतगी। लवी का किरदार उस हॉस्टल के वार्डन की लड़की का है, जहां रहकर भोले शहर में पढ़ाई करता है। और लवी के हिस्से में आया है फिल्म का सबसे मस्ती भरा गाना। ये आइटम गाना इसलिए नहीं है क्योंकि सिर्फ इस गाने के लिए लवी फिल्म में नहीं है। उनका पूरी फिल्म में खास रोल है और ये रोल है रंभा का जो भोले पर पहली ही नज़र में मर मिटी है। कॉलेज फंक्शन में भोले को चिढ़ाने के लिए रंभा गाना गाती है और इसके बोल हैं, "दिल के हाल बताई कइसे, किस्मत के मारी, अनाड़ी हमका मिला रे बालमा।" गाने के बोल और इसके पिक्चराइजेशन में मैंने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि ये गाना किसी तरह से फूहड़ ना लगे। एक तो गाने की सिचुएशन के हिसाब से गाना कॉलेज में सारे स्टूडेंट्स और कॉलेज स्टाफ के सामने हो रहा है दूसरे जिम्मेदारी अनावश्यक अंग प्रदर्शन से हीरोइन को बचाने की भी थी।

इस गाने के बोल के लिहाज से मुझे सारेगामापा फाइनलिस्ट मौली दवे की आवाज़ बिल्कुल फिट लगी। गानों की रिकॉर्डिंग जब हमने शुरू की, तो मौली भारत में नहीं थीं। उनके घर में किसी बुजर्ग का इंतकाल हो चुका था और वो मातम में शरीक़ होने अमेरिका गई हुई थीं। मौली को जल्द ही वर्ल्ड टूर पर निकलना था और हमें जल्द से जल्द गानों की रिकॉर्डिंग करनी थी ताकि शूटिंग पर निकला जा सके। भोले शंकर का गाना गाने के लिए मौली अमेरिका से आईं, और दाद देनी होगी इस कलाकार की जिसने पूरी रिकॉर्डिंग के दौरान एक बार भी ये नहीं लगने दिया कि उसके घर में अभी अभी कोई हादसा हुआ है। मौली की आवाज़ में एक अलग सी कशिश है। उसकी आवाज़ रेशमी सी है और यही बात हमें इस गाने के लिए चाहिए थी। मौली जिस दिन भोले शंकर का गाना गाने स्टूडियो में आईं, उस दिन जगजीत सिंह जी भी अपने स्टूडियो में आए हुए थे। मौली को देखकर वो भी खुश हुए। और उसके गाने की खुलकर तारीफ भी की। मुझे पूरा यकीन है कि जब "भोले शंकर" में आप मौली की आवाज़ सुनेंगे तो आपको भी लगेगा कि वाकई ये लड़की हीरा है, ज़रूरत है तो बस कुछ और जौहरियों की, जो इसे थोड़ा और तराश सकें। "भोले शंकर" में मैंने मौका दिया तो उसके बाद मौली को कई और भोजपुरी गानों का भी मौका मिला। और अब तो वो भोजपुरी के लिए नियमित तौर पर गा रही हैं।

सारेगामापा की ही एक और फाइनलिस्ट उज्जयनी ने भी फिल्म "भोले शंकर" के एक गाने में अपनी आवाज़ दी है। और उज्जयनी के लिए हमने करीब एक हफ्ते का इंतज़ार भी किया। लेकिन उज्जयनी ने इस इंतज़ार के नतीजे को अपनी मधुर गायिकी से एक मीठे फल में तब्दील कर दिया। सारेगामापा के चार कलाकारों को अपनी फिल्म में मौका देकर मैंने इन बच्चों के लिए एक नई राह खोली है, "भोले शंकर" शायद पहली फिल्म बन गई है जिसमें सारेगामापा के इतने कलाकार एक साथ गा रहे हैं। इन बच्चों ने उड़ान तो सही ली है, अब बस इन्हें लगातार उड़ते रहना है और नज़र जमाए रखनी है अच्छे संगीत और अच्छे गीतों पर। फिल्म "भोले शंकर" की संगीत यात्रा आज सातवें दिन विराम लेती है। संगीत के भी सात सुर होते हैं और ये भी अजब संयोग है कि फिल्म के संगीत की बात भी हमने सात दिनों में ही जान समझ ली, अब कल से शुरुआत होगी कैमरे के कारीगरों के कमाल की। पढ़ते रहिए, कइसे बनल भोले शंकर।

कहा सुना माफ़,

पंकज शुक्ल
निर्देशक- भोले शंकर

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपको बधाई !
    इसी तरह सँगीत द्वारा मनोरँजन करते रहियेगा .
    सा रे गा मा पा
    मैँ, नियमित देखती हूँ और मौली दवे मेहनत करेँगीँ तो अवश्य खूब नाम कमायेँगीँ !
    गीतोँ की महफिल आबाद रहे यही कामना है ~~
    - लावण्या

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  2. लावण्या जी, प्रणाम।

    इस बार आपने आशीर्वाद नहीं दिया, वैसे आप जैसा गुणी ब्लॉग पर आ भी जाए तो ये भी किसी आशीर्वाद से कम नहीं। दो दिन से पटना में हूं, रंगदारी की रकम का मोल तोल करने के लिए। आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि भारत में आज भी बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां कानून की नहीं बल्कि मठाधीशों की चलती है। यहां के एक जेडीयू नेता मिथुन दा पर अपना सात लाख रुपये बकाया बताते हैं, और कहते हैं कि फिल्म रिलीज़ करना हो तो पहले उनका बकाया चुकाओ। दादी एक कहावत सुनाती थी- बनेवा (बनिया) से जीतैं ना, गदहवा के कान उमैठें- वो आज याद आ गई, वैसे ऐसी तमाम कहावतें बिहार का एहसान मानती हैं, क्योंकि ये यहीं आकर याद जो आती है। दो दिन से काफी परेशान था, लेकिन आपके संदेश ने जैसे पीठ पर हाथ फेरकर सारा संताप हर लिया।

    स्नेह बनाए रखिएगा..

    आपका ही-
    पंकज

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  3. पँकज भाई, मेरा आशिष सदा आपके साथ है ...
    ये मठाधीशोँ को दूसरोँ को परेशान करना ही आता है क्या ?
    जो काम करे उसका काम रुकवाये उसे "विघ्न सँतोषी " कहते हैँ -
    आप, काम पर ध्यान देँ और ऐसे अनुभवोँ से उपर उठते जायेँ यही कामना है !
    - सस्नेह आशिष
    लावण्या

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  4. punkuj jee, khoob tarraki kijiye, aapko padh kar laga ki aap waakai gambheerta se kaam kar rahe hain, aapki film jaroor dekhenge.
    punkuj jee, jab aap amar ujala mey film ka panna dekha karte the. tab main sanjeev jee ke saath edit page par tha, aapse baat bhi hoti thi, phir ek din achanak suchna aaye ki aap zee news mey chale gaye,
    phir sampark mey aakar achach laga,
    khoob tarraki kijiye
    meri subhkamna aapke sath hai.
    jai bhole shankar

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  5. वाह जी, आपसे इस तरह की जानकारियों को प्राप्त करते रहना और पढ़ना हमेशा ही सुखकर रहता है. जारी रहें. अनेकों शुभकामनाऐं.

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  6. ज्ञानेश भाई, समीर भाई..

    बहुत बहुत धन्यवाद। स्नेह बनाए रखें।

    कहा सुना माफ़,
    पंकज

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  7. सर प्रणाम,
    फ़िल्म को लेकर क्या टिप्पणी दूं, लोग आपका हुनर रील लाइफ़ में ख़ुद ही देखेंगे तो दुनिया रियल में तारीफ़ करेगी। मैं तो सिर्फ़ यही कहना चाहता हूं, कि फ़िलहाल रिलीज़ की मुश्किलें कामयाबी से बस कुछ क़दमों के पहले की रुकावटें हैं।
    मुश्कि़लें सिर्फ़ तूफ़ान हो सकती हैं, जिसके निशां कोई याद नहीं रखता, लेकिन कामयाबी सैलाब है, जो अपने साथ और अपने बाद तक बहुत कुछ लाती है।
    ROCK ON SIR..!

    Pankaj Tripathi.

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  8. काम हो गया। फिल्म 5 सितंबर को आल इंडिया रिलीज़ हो रही है।
    जय भोले शंकर...

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